Monday, August 28, 2017

इसे कोई प्रॉब्लम है

इसे कोई प्रॉब्लम है

जब भी थाम के हाथ उसका जाती हूँ कंही
कई बार मुझसे पूछते है लोग, “इसे कोई प्रॉब्लम है “ ..
मैं जब भी रसोई मे खाना बनाती हूँ,
उस से छुप कर रसोई मे जाती हूँ |
वो पर आ ही जाती है वंहा पर,
मुझे घर में कंही और ना पाकर,
और लग जाती है, अपने नन्हे हाथों से रोटी बेलने |
 मुझसे पूछती है, ''माम् आप क्या कर रही हैं ?''
“खाना बना रही हूँ बेटा “
“मेरे लिए खाना बना रही है, थैंक यू माम्
बहुत अच्छा बना रही हो थैंक यू | “

खाते हुए  हर कौर के साथ
खाना बहुत अच्छा  बना है, वो मुझे ये बतलाती है |
मैंने कितने सालों खाना बनाया,
कभी ही घर मे कोई तारीफ करता हो |
कभी ही कोई समझता  हो,
कि मैंने ये खाना उनके लिए बनाया है |
कोई ड्यूटी नहीं निभायी |
पर वो मुझे अहसास कराती है,
कि उसे अहसास है, और वो शुक्रगुजार  है,
कि मैंने उसके लिए खाना बनाया |
ये अहसास होना, और मुझे भी ये अहसास करवाना,
कि वो समझती है मैंने ये उसके लिए किया है,
अगर प्रॉब्लम है,
तो होगी उसे कोई प्रॉब्लम |

घर मे किसी बीमार का होना तो बड़ी बात,
कोई आह भी करे तो वो दौड़ के पूछती है,
“की होया ?
तबियत सही नहीं है ?
बुखार है ? मै सर दबा दूँ ? “
और जब तक कोई हाँ ना का जवाब दे |
वो सर दबाना शुरू कर देती है |
वो दौड़ कर, अपना डॉक्टर प्ले सेट ले आती है |
और जाँच शुरू करती है |

 ये केयर प्रॉब्लम है ?
तो होगी उसे कोई प्रॉब्लम |

 किसी को रोते देखना तो दूर की बात,
 वो जरा सा रोने का मुहँ बनाने पर ही,
 अपने खिलोने देने को तैयार हो जाती है |
 वो किसी को डांट रही है,
 तो उसका उदास चेहरा देख कर,
खुद सॉरी बोलती है |
कोई उसे मारे या डांटे,
तो उसे पलट कर वो नहीं डांटने देती,
कि कंही उसे बुरा न लगे |
ये दिमाग के बजाये,
दिल से सोचना प्रॉब्लम है ?

तो होगी उसे कोई प्रॉब्लम |
पर आजकल माँ बाप की लाख कोशिशों पर भी,
बच्चे उन की नहीं सुनते |
महंगे से महंगे गिफ्ट भी,
उन्हें खुश नहीं करते |
प्यार कंहा  का ?
माँ बाप की भावनाए नहीं समझते बच्चे |
माँ बाप शादी के बाद बेटे, बहु को
मिलने वाली जायदाद में रूकावट के सिवा
और कुछ नहीं लगते |
उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है?
अगर है तो, फिर इसकी प्रॉब्लम
उनसे  बहुत अच्छी है |
 मुझे ख़ुशी है कि,
 इसे कोई प्रॉब्लम है |
पारूल सिंह

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